मत्ती 6:3-4 “परन्तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बायाँ हाथ न जानने पाए। ताकि तेरा दान गुप्त रहे, और तब तेरा पिता जो गुप्त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।”
इस वचन में यीशु हमें स्पष्ट आदेश देता है कि हम जो कुछ भी दान में दें उसे परमेश्वर को इस तरीके से दिया जाना चाहिए कि यह दिया जाना गुप्त में हो। परमेश्वर का वचन उस व्यक्ति को बिल्कुल भी नहीं सराहता जो दान देने के द्वारा बड़ा बनने का ढोंग करता है और इसलिए ही यह हमें दान एकांत में दिए जाने के लिए निर्देश देता है।
ऐसे दान के लिए किसी भी तरह का कोई प्रतिफल नहीं रखा हुआ है जो दिखाने के उद्देश्य के साथ दिया जाता है। क्योंकि मसीही विश्वासी होने के नाते हमें परोपकारिता का कार्य एकांत में करना चाहिए क्योंकि गुप्त में दान देना निस्वार्थ कार्य है जो सम्पूर्ण ध्यान को परमेश्वर के ऊपर केन्द्रित करता है और वही केवल हमें हमारे भले कार्यों के लिए प्रतिफल देगा। आमीन।