हे हमारे स्वर्गवासी पिता,
तेरा नाम पवित्र माना जाए,
तेरा राज्य आए,
तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग मे पूरी होती है,
वैसे ही पृथ्वी पर पूरी हो,
हमारी रोज़ की रोटी आज हमें दे,
और जैसे हम आपने ऋणियों को क्षमा करते हैं वैसे ही हमारे ऋणों को क्षमा कर,
और हमें परीक्षा में मत डाल,
परन्तु दुष्ट से बचा। आमीन
क्योंकि राज्य, पराक्रम और महिमा सदा तेरे हैं। आमीन
हमारे स्वर्गवासी पिता की प्रार्थना का महत्व
मत्ती के सुसमाचार में, यीशु ने हमें पिता परमेश्वर से प्रार्थना करने का एक सही तरीका दिया है। यदि आप वहाँ लिखे हुए शब्दों को पढ़ें जो यीशु ने इस प्रार्थना में दिए हैं, तो आप 7 कुँजी वाक्यों के प्रकाशन को पाएंगे। और वहाँ पर न केवल 7 कुँजी वाक्यों का प्रकाशन है, अपितु इनमें से प्रत्येक प्रकाशित कुँजी वाक्य स्वयं में एक प्रकाशन होना चाहिए जिसे हमें सदैव प्रभु से साथ चलने के लिए हमारे जीवन के केन्द्र में और अपने सामने रखना चाहिए।
सभी तरह की अशान्ति और परेशानियों में जो हमारे जीवन से आ टकराती हैं, कई बार हमारे लिए यह बहुत ही आसान होता है कि हम प्रभु के साथ अपने जीवन को यापन करते हुए फिसल जाएँ। इस कारण यह स्मरण रखी जाने वाली एक बहुत ही अच्छी प्रार्थना है, क्योंकि प्रकाशन के ये 7 कुँजी वाक्य आपको सदैव प्रभु के साथ आपके जीवन को उसकी निकटता में बनाए रखने के लिए सही तरीके से केन्द्रित और आधारित रखेंगे जब आप इस जीवन की अपनी यात्रा को पूरा करते हैं।